रिपोर्ट : समाचार प्रभारी सौरव दिक्षित
गाजियाबाद। कमिश्नरेट पुलिस ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए 7 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। इनमें से तीन पुलिसकर्मी मसूरी क्षेत्र में पीआरवी ड्यूटी पर तैनात थे, जिनका रिश्वत लेते हुए एक वीडियो हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वहीं, शेष चार पुलिसकर्मियों को फीडबैक सेल को मिली शिकायतों के आधार पर निलंबित किया गया।
📹 वायरल वीडियो बना कार्रवाई की वजह
मसूरी में तैनात हेड कांस्टेबल मोहम्मद नाजिम, सिपाही कुंदन और चालक सिपाही विश्वेंद्र सिंह का रिश्वत लेते हुए वीडियो वायरल होते ही प्रशासन हरकत में आया। पुलिस आयुक्त जे. रविंदर गौड़ के आदेश पर तीनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
📞 फीडबैक से उजागर हुए भ्रष्टाचार के मामले
पुलिस कमिश्नरेट के फीडबैक सेल को पासपोर्ट, किरायेदार और चरित्र सत्यापन के आवेदनों पर आवेदकों से मिले लगभग 9000 फीडबैक में से तीन मामलों में भ्रष्टाचार की पुष्टि हुई। इसी आधार पर चार अन्य पुलिसकर्मी –
हेड कांस्टेबल प्रवीन कुमार (इंदिरापुरम),
सिपाही सौरभ बघेल (इंदिरापुरम),
सिपाही अमित कुमार (इंदिरापुरम),
सिपाही पूरन सिंह (मसूरी)
को भी निलंबित कर दिया गया।
🚨 सख्त संदेश: बर्दाश्त नहीं होगी गड़बड़ी
डीसीपी मुख्यालय धवल जायसवाल ने बताया कि कमिश्नरेट पुलिस भ्रष्टाचार और लापरवाही के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। फीडबैक सेल रोजाना आवेदकों से संपर्क कर रिपोर्ट तैयार करता है और हर शिकायत को गंभीरता से लिया जा रहा है।
"भ्रष्टाचार पर हमारी नीति स्पष्ट है — कोई भी पुलिसकर्मी यदि गलत कार्य में संलिप्त पाया गया, तो उस पर तुरंत सख्त कार्रवाई की जाएगी।" — धवल जायसवाल, डीसीपी मुख्यालय
इस कार्रवाई के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मचा हुआ है, जबकि आम जनता में एक सकारात्मक संदेश गया है कि अब पुलिस भी जवाबदेह है।