रिपोर्ट :-सौरव दीक्षित (समाचार प्रभारी )
गाजियाबाद। फर्जी राजदूत पद का दावा करने वाले और हवाला कारोबार में लिप्त हर्षवर्धन जैन को गाजियाबाद पुलिस को पांच दिन की रिमांड मिल गई है। मंगलवार सुबह 10 बजे से 2 अगस्त शाम 4 बजे तक पुलिस उसे कस्टडी में लेकर पूछताछ कर सकेगी। पुलिस को उम्मीद है कि इस पूछताछ में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैले फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हो सकता है।
विदेश मंत्रालय की जाली मुहर बरामद
पुलिस ने कोर्ट में बताया कि हर्षवर्धन के पास से विदेश मंत्रालय की मुहर बरामद की गई है, जो प्रथम दृष्टया नकली प्रतीत हो रही है। यह जानना जरूरी है कि उसने यह जाली मुहर कहां से बनवाई और किन दस्तावेजों में इसका इस्तेमाल किया। इसके साथ ही जांच में उसके कई सहयोगियों के नाम भी सामने आए हैं, जिनके बारे में पूछताछ जरूरी है।
डायरी से मिली कंपनियों और लेन-देन की जानकारी
आरोपित के पास से एक डायरी बरामद हुई है जिसमें देश-विदेश की कई कंपनियों के नाम और उनके लेन-देन का ब्यौरा दर्ज है। पुलिस इन दस्तावेजों और कंपनियों की असलियत जानने के लिए उससे पूछताछ करेगी। इसके अलावा, उसकी कंपनियों और बैंक खातों की जानकारी भी जुटाई जा रही है ताकि अवैध लेन-देन की पुष्टि की जा सके।
रिमांड का विरोध, बरामद रकम पर सवाल
बचाव पक्ष के वकील जयवीर सिंह ने रिमांड का विरोध करते हुए दावा किया कि हर्षवर्धन के यहां से 60 लाख रुपये बरामद हुए थे, लेकिन एसटीएफ ने सिर्फ 44.70 लाख की बरामदगी दिखाई है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने पांच दिन की रिमांड मंजूर की।
दिल्ली और गुजरात ले जाया जाएगा आरोपी
पूछताछ के दौरान एसटीएफ हर्षवर्धन जैन को दिल्ली और गुजरात भी ले जाएगी। शुरुआती जांच में उसके पांच सहयोगियों – रशिक लाल, नितिन हैन, अभिषेक डालमिया, आलोक दुलिया और दीपक भंडारी – के नाम सामने आए हैं, जिनसे जुड़े संबंधों और गतिविधियों को लेकर पूछताछ की जाएगी।
गोवा में कैसिनो खोलने की योजना भी उजागर
जांच में यह भी सामने आया है कि हर्षवर्धन गोवा में एक बड़ा कैसिनो और रिज़ॉर्ट शुरू करने की तैयारी में था। इसके लिए विदेशों में खोली गई कंपनियों के माध्यम से काले धन को निवेश कर वैध रूप देने की योजना बनाई गई थी। इससे पहले कि योजना पूरी होती, एसटीएफ ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
1000 करोड़ से ज्यादा का घोटाला!
एसटीएफ की प्रारंभिक जांच के अनुसार, हर्षवर्धन जैन ने पिछले 25 वर्षों में विदेशों में 25 से अधिक फर्जी कंपनियां खड़ी कीं और करोड़ों रुपये हवाला के जरिए सफेद किए। उसके बैंक खातों में करोड़ों के लेन-देन का ब्यौरा मिला है। अब जांच एजेंसियां इन कंपनियों की जांच और धन के स्रोत का पूरा ब्योरा जुटा रही हैं।