गाजियाबाद में एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। यूपी STF ने मंगलवार को कविनगर इलाके में एक मकान पर छापा मारकर एक फर्जी दूतावास का पर्दाफाश किया। इस कार्रवाई में हर्षवर्धन जैन नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया, जो खुद को "वेस्ट आर्कटिक", "सबोरगा", "लोडोनिया" जैसे काल्पनिक देशों का कॉन्सुल एंबेसडर बताकर फर्जीवाड़ा कर रहा था।
बरामद हुआ बड़ा सामान:
44.70 लाख रुपए नकद
VIP नंबर प्लेट लगीं लग्जरी गाड़ियां (4)
34 विदेशी और कंपनियों की मोहरें
विदेश मंत्रालय की नकली सील वाले दस्तावेज
18 डिप्लोमेटिक नंबर प्लेट
12 फर्जी डिप्लोमेटिक पासपोर्ट
फर्जी प्रेस और पैन कार्ड
कई देशों की विदेशी मुद्रा और दस्तावेज
कैसे करता था फर्जीवाड़ा?
हर्षवर्धन जैन खुद को अंतरराष्ट्रीय राजनयिक बताकर देश-विदेश में कनेक्शन होने का दावा करता था। वह प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति समेत अन्य बड़े नेताओं के साथ फोटोशॉप की गई तस्वीरों के जरिए लोगों को प्रभावित करता। उसका मुख्य काम था—
कंपनियों और व्यक्तियों को विदेशी काम दिलाने का झांसा देना
हवाला नेटवर्क और शेल कंपनियों के जरिए अवैध लेनदेन करना
STF की कार्रवाई की पूरी प्लानिंग
STF ने यह कार्रवाई केंद्रीय एजेंसियों से साझा सूचना और विदेश मंत्रालय से पुष्टि के बाद की। पहले से संदेह था कि कविनगर स्थित एक घर से "फर्जी दूतावास" का संचालन हो रहा है। गाजियाबाद के जिस इलाके से गिरफ्तारी हुई, वहां पुलिस कमिश्नर और डीएम जैसे वरिष्ठ अधिकारियों के ऑफिस भी हैं।
आरोपी का आपराधिक बैकग्राउंड
हर्षवर्धन 2011 में साउथ अफ्रीका में कारोबार करता था और वहां से बिना इजाजत सैटेलाइट फोन भारत लाया था। फोन ऑन करते ही उसकी लोकेशन ट्रेस कर ली गई और एजेंसियों ने उसे हिरासत में लिया था। हालांकि, देशविरोधी गतिविधियों का कोई प्रमाण नहीं मिलने पर उसे छोड़ दिया गया था।
दूतावास क्या होता है?
दूतावास एक देश का प्रतिनिधि कार्यालय होता है, जो दूसरे देश में राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और कांसुलर (पासपोर्ट/वीजा आदि) सेवाओं के लिए काम करता है। यह राजनयिक संबंधों को मजबूत करने का माध्यम होता है।
लेकिन गाजियाबाद में पकड़ा गया यह "दूतावास" पूरी तरह फर्जी था, जिसका मकसद सिर्फ लोगों को धोखा देना और विदेशी कनेक्शन का झूठा जाल बुनना था।
STF इस मामले की तह तक जाने के लिए आगे की जांच में जुटी है।