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शुक्रवार, 1 अगस्त 2025

ड्रोन के डर में चोर समझ बैठे दामाद: ससुराल आए युवक को ग्रामीणों ने पीटा, बाद में हुई सच्चाई उजागर





गाजियाबाद के मोदीनगर क्षेत्र के गांव बिसोखर में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। यहां ड्रोन की अफवाहों और डर के बीच गांव की सुरक्षा के लिए पहरा दे रहे ग्रामीणों ने एक युवक को चोर समझकर पीट डाला। बाद में पता चला कि वह युवक किसी अनजान चोर नहीं, बल्कि अपने ही ससुराल आया दामाद है।


घटना देर रात की है जब गांव में आसमान में संदिग्ध ड्रोन दिखाई देने की खबरों के चलते लोग बारी-बारी से पहरा दे रहे थे। तभी एक युवक उन्हें संदिग्ध हालात में घूमता दिखा। पूछताछ के दौरान युवक घबरा गया, जिससे ग्रामीणों को शक और गहरा हो गया। बिना देर किए उन्होंने उसे पकड़कर मारना शुरू कर दिया।


हंगामे की आवाज सुनकर बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। तभी किसी ने युवक को पहचान लिया और बताया कि वह गांव में अपनी पत्नी और ससुरालवालों से मिलने आया है। इसके बाद मामला शांत हुआ और युवक को छोड़ा गया।


पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। एसीपी मोदीनगर ने बताया कि अब तक किसी भी पक्ष की ओर से पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। अधिकारी ने यह भी कहा कि हाल के दिनों में ड्रोन देखे जाने की खबरों से गांवों में भय का माहौल है, इसी के चलते रात में निगरानी रखी जा रही थी, जो इस गलतफहमी की वजह बनी।


👉 सबक: अफवाहों और डर के माहौल में किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले पूरी जानकारी जुटाना जरूरी है, वरना निर्दोष लोगों को नुकसान उठाना पड़ सकता है।


गाजियाबाद में पांच जगहों पर आपदा प्रबंधन मॉक ड्रिल

 



🔹 स्कूल में भूकंप सिमुलेशन, छात्रों को सिखाई गई 'ड्रॉप, कवर एंड होल्ड' तकनीक

गाजियाबाद में शुक्रवार को आपदा प्रबंधन के तहत जिले के पांच अलग-अलग स्थानों पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य था—प्राकृतिक आपदा की स्थिति में प्रशासनिक तैयारियों की जांच और आमजन को जागरूक करना।

इन्हीं में से एक ड्रिल इन्ग्राहम स्कूल में हुई, जहां भूकंप की स्थिति का सिमुलेशन किया गया। हूटर बजते ही स्कूल में आपातकालीन स्थिति का माहौल बनाया गया। छात्रों, शिक्षकों और स्टाफ को निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार अलर्ट किया गया।



छात्रों को 'ड्रॉप, कवर एंड होल्ड' तकनीक का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया—कैसे भूकंप के दौरान खुद को सुरक्षित रखना है, कहां छिपना है और कैसे शांत रहना है। सभी को क्रमबद्ध तरीके से सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। इस दौरान फायर अलार्म, आपात सीढ़ियों और खुले स्थानों की ओर निकासी की प्रक्रिया का भी अभ्यास किया गया।

ड्रिल के दूसरे चरण में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें हरकत में आईं। मलबे में फंसे लोगों को खोजने, निकालने और प्राथमिक उपचार देने की प्रक्रिया दिखाई गई। घायलों को स्ट्रेचर पर लिटाकर सुरक्षित रूप से एम्बुलेंस के जरिए अस्पताल पहुंचाने का अभ्यास भी किया गया।

इस व्यापक अभियान में पुलिस, अग्निशमन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम, एनसीसी, स्काउट्स-गाइड्स और जिला प्रशासन की टीमें भी सक्रिय रहीं। वरिष्ठ अधिकारी现场 पर मौजूद रहे और पूरी कार्यवाही का निरीक्षण किया।

अधिकारियों ने कहा—"ऐसी मॉक ड्रिल सिर्फ औपचारिकता नहीं, बल्कि जीवन रक्षक अभ्यास हैं। आपदा कब आएगी, कोई नहीं जानता। लेकिन तैयारी हर स्तर पर होनी चाहिए। खासकर स्कूलों में ऐसी ड्रिल्स बच्चों और स्टाफ दोनों को मानसिक रूप से तैयार करती हैं, ताकि असली संकट के समय कोई घबराए नहीं, बल्कि समझदारी से काम ले।”

गाजियाबाद में बंद कमरे से IB अफसर और बहन की लाश बरामद: सल्फॉस की दुर्गंध से मचा हड़कंप, सुसाइड नोट नहीं मिला

 


गाजियाबादकविनगर थाना क्षेत्र के गोविंदपुरम कॉलोनी में गुरुवार शाम उस वक्त सनसनी फैल गई, जब एक घर के अंदर से इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) में तैनात अधिकारी अविनाश कुमार सिंह (30) और उनकी बहन अंजली (23) की लाशें मिलीं। कमरा अंदर से बंद था और शवों से सल्फॉस की तेज़ दुर्गंध आ रही थी।


घटना के वक्त दोनों की मां घर से बाहर गई हुई थीं। जब वह शाम करीब 5 बजे लौटीं, तो दरवाजा बंद मिला। कॉल करने पर कोई जवाब नहीं मिला। खिड़की से झांककर देखा तो दोनों जमीन पर बेसुध पड़े थे। पड़ोसियों की मदद से एक वेल्डर को बुलाकर दरवाजा काटा गया और तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।


पुलिस के मुताबिक, घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है। फिलहाल आत्महत्या या किसी अन्य कारण को लेकर स्थिति साफ नहीं है।


घर में मां, भाई और बहन ही रहते थे

जानकारी के मुताबिक, अविनाश दिल्ली में IB में तैनात थे और पिता सुखबीर सिंह गोवा स्थित CSIR में वैज्ञानिक हैं। परिवार करीब 20 वर्षों से गाजियाबाद में रह रहा है। मृतक बहन अंजली पढ़ाई कर रही थी।


मां सदमे में, कार्रवाई से परिजनों का इनकार

घटना के बाद मां गहरे सदमे में हैं और कुछ भी बोल पाने की स्थिति में नहीं हैं। परिजनों ने फिलहाल पुलिस जांच से इनकार किया है।


DCP धवल जायसवाल ने बताया:


> “पुलिस मोबाइल फोन और डिजिटल साक्ष्यों की जांच कर रही है ताकि घटना के पीछे की असली वजह सामने आ सके। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।”




📍 स्थान: मकान संख्या H-352, गोविंदपुरम, कविनगर थाना क्षेत्र, गाजियाबाद

📅 दिनांक: गुरुवार शाम

🕵️‍♂️ जांच जारी है, आत्महत्या या साजिश

—अभी रहस्य बरकरार है।


गुरुवार, 31 जुलाई 2025

अगर मोबाइल पर चालान का लिंक आए तो सतर्क रहें: गाजियाबाद में युवक के खाते से ठगों ने उड़ाए 5 लाख रुपये 🚨📱

 


रिपोर्ट:- सौरव दिक्षित (समाचार प्रभारी )

गाजियाबाद के साहिबाबाद थाना क्षेत्र स्थित करहेड़ा में रहने वाले एक युवक को वाहन चालान का फर्जी लिंक भेजकर साइबर ठगों ने 4.99 लाख रुपये की ठगी कर डाली। यह ठगी एक फर्जी ट्रैफिक चालान लिंक के ज़रिए की गई, जिसे असली समझकर युवक ने गलती से ओटीपी साझा कर दिया।


🔗 कैसे हुई ठगी?


करहेड़ा निवासी विकेश के मुताबिक, 23 जुलाई को उनके व्हाट्सएप पर ट्रैफिक पुलिस के नाम से एक चालान लिंक आया। उन्होंने लिंक पर क्लिक किया, लेकिन चालान नहीं खुला, जिसके बाद उन्होंने फोन बंद कर दिया।


अगले दिन उनके फोन पर एक ओटीपी आया, जिसे उन्होंने उसी लिंक पर दर्ज कर दिया। कुछ ही देर में उनके खाते से लगातार कई बार में कुल 4.99 लाख रुपये निकल गए।


घबराए विकेश ने तुरंत बैंक के कस्टमर केयर से संपर्क कर खाता ब्लॉक कराया और फिर साहिबाबाद थाने में शिकायत दर्ज कराई।


🕵️‍♀️ पुलिस जांच में जुटी


एसीपी साहिबाबाद श्वेता यादव ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है और साइबर सेल जांच कर रही है। ठगों ने जिस फर्जी वेबसाइट का इस्तेमाल किया, उसकी तकनीकी जांच भी शुरू हो गई है।


⚠️ क्या रखें सावधानी?


किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें, चाहे वह ट्रैफिक चालान या बैंक का हो।


OTP किसी के साथ साझा न करें, यहां तक कि किसी वेबसाइट पर भी नहीं।


ट्रैफिक चालान देखने के लिए केवल सरकारी वेबसाइट (जैसे parivahan.gov.in) का ही इस्तेमाल करें।


मोबाइल पर इस तरह के मैसेज या लिंक आएं तो सीधे संबंधित विभाग या साइबर हेल्पलाइन से पुष्टि करें।



यह घटना एक बड़ा अलर्ट है कि डिजिटल फ्रॉड अब बेहद पेशेवर तरीके से किए जा रहे हैं। सतर्कता ही सुरक्षा है।


इंदिरापुरम की शिप्रा कृष्णा विस्टा सोसाइटी में आग से हड़कंप: धुंए से घिरे टावर में मची अफरा-तफरी, बच्चों-बुजुर्गों को लेकर भागे लोग 🔥🏢

 



गाजियाबाद के इंदिरापुरम स्थित शिप्रा कृष्णा विस्टा सोसाइटी में  अचानक लगी आग से सोसाइटी में हड़कंप मच गया। आग सोसाइटी के एक 12 मंजिला टॉवर के सर्विस एरिया में लगी, जिससे ऊपरी मंजिलों के फ्लैट्स में गाढ़ा धुंआ भर गया। धुंए के कारण दम घुटने की स्थिति बन गई, और लोग अपने बच्चों और बुजुर्गों को लेकर सीढ़ियों से भागकर जान बचाने लगे। कुछ फ्लैट्स की खिड़कियों के शीशे भी टूट गए।


🚒 दमकल विभाग की तत्परता से टली बड़ी दुर्घटना


दमकल विभाग को सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और समय रहते आग पर काबू पा लिया गया। यदि कुछ मिनट की भी देर होती, तो हादसा बड़ा हो सकता था।


⚠️ अवैध निर्माण को लेकर उठे सवाल


स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया कि टॉवर के टॉप फ्लोर पर बने पेंटहाउस में अवैध निर्माण किया गया है, जहां सभी वेंटिलेशन शाफ्ट बंद कर दिए गए हैं। इसी वजह से धुंआ बाहर निकलने के बजाय निचले फ्लैट्स में भरता चला गया। लोगों ने इसे गंभीर सुरक्षा चूक बताते हुए प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है।


😟 रहवासियों में डर और नाराज़गी


हालांकि घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, लेकिन रहवासियों में भय और गुस्सा दोनों है। उनका कहना है कि यदि अवैध निर्माण पर पहले ही कार्रवाई की जाती, तो यह स्थिति टाली जा सकती थी।


फिलहाल दमकल विभाग ने आग लगने के कारणों की जांच शुरू कर दी है और नगर निगम को भी अवैध निर्माण की सूचना दी गई है।


यह घटना एक बार फिर मल्टीस्टोरी सोसाइटियों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी और अवैध निर्माण को लेकर गंभीर चिंता खड़ी करती है।


गाजियाबाद में मानसी ज्वेलर्स लूटकांड का पर्दाफाश: मुठभेड़ के बाद दो बदमाश दबोचे, 2 किलो चांदी और 40 ग्राम सोना बरामद 💍🔫

  



गाजियाबाद के लिंक रोड थाना क्षेत्र में हुई मानसी ज्वेलर्स लूट का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। मुठभेड़ के बाद दो कुख्यात बदमाश कपिल और मनीष को गिरफ्तार किया गया है। दोनों के पैरों में गोली लगी है और उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।


लूट की वारदात 24 जुलाई को हुई थी, जब फूड डिलीवरी कंपनियों स्विगी और ब्लिंकिट की वर्दी पहनकर दो बदमाश ब्रज विहार स्थित ज्वेलरी शॉप में घुसे थे। उन्होंने हथियारों के दम पर करीब 20 किलो चांदी और 125 ग्राम सोना लूट लिया था। पूरी घटना दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी और फुटेज सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई थी।


🔍 मुठभेड़ और बरामदगी


पुलिस ने बदमाशों के पास से:


50,000 नकद


2 किलो चांदी


40 ग्राम सोना


2 तमंचे और कारतूस


फर्जी नंबर प्लेट लगी स्प्लेंडर बाइक बरामद की है।


पूछताछ में सामने आया है कि बदमाशों ने लूटे गए जेवरात को हरिद्वार और बिहार के समस्तीपुर में बेचने की कोशिश की थी। दोनों आरोपियों के खिलाफ दिल्ली-एनसीआर में हत्या, लूट और गैंगस्टर एक्ट के तहत कई गंभीर मामले दर्ज हैं।


🕵️‍♂️ बदमाशों की पहचान:


मनीष – मेरठ के सरधना का निवासी


कपिल – गाजियाबाद के लोनी क्षेत्र का रहने वाला



वारदात के बाद पुलिस ने आरोपियों की तलाश में छह टीमें गठित की थीं, जो अलग-अलग क्षेत्रों में लगातार दबिश दे रही थीं। आखिरकार मुठभेड़ के बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।


गाजियाबाद पुलिस की इस कार्रवाई को एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है, जिसने न केवल लूट का खुलासा किया, बल्कि दो शातिर अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया।


गाजियाबाद के नए DM रविन्द्र कुमार मांदड़ ने संभाली कमान: कहा - “जनता की फरियाद होगी सर्वोपरि” 🏛️

 



गाजियाबाद के नवनियुक्त जिलाधिकारी (DM) रविन्द्र कुमार मांदड़ ने सोमवार को कार्यभार ग्रहण कर लिया। पदभार संभालने से पहले उन्होंने श्री दूग्धेश्वर महादेव मठ मंदिर में रुद्राभिषेक और जलाभिषेक कर भगवान शिव से आशीर्वाद लिया। यह कदम उनके प्रशासनिक कर्तव्यों और आध्यात्मिक विश्वास के संतुलन को दर्शाता है।


पदभार ग्रहण करने के बाद रविन्द्र कुमार मांदड़ ने दुर्गावती देवी सभागार में प्रेस वार्ता कर अपनी प्राथमिकताएं साझा कीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि जन शिकायतों का त्वरित और प्रभावी निस्तारण, नवाचार के माध्यम से समग्र विकास, और हर वर्ग की समस्याओं का समाधान उनकी शीर्ष प्राथमिकताएं रहेंगी।





🛠️ विकास के एजेंडे पर मुख्य बिंदु:


किसान, व्यापारी, युवा व उद्यमी – सभी के लिए पारदर्शी व गुणवत्तापूर्ण समाधान का वादा।


खेल अधोसंरचना पर ज़ोर: उन्होंने कहा कि गाजियाबाद और मेरठ क्षेत्र से कई खिलाड़ी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचते हैं। महामाया स्टेडियम के कार्यों की समीक्षा की जाएगी और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम को शीघ्र पूरा करने का प्रयास होगा।


यातायात और पार्किंग: शहर की ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के लिए ठोस रणनीति बनाई जाएगी। कलेक्ट्रेट परिसर की पार्किंग समस्या और शहर में जाम से निजात दिलाने की दिशा में जल्द काम शुरू होगा।


जल संरक्षण: ग्राउंडवॉटर रिचार्ज और जिले के तालाबों के संरक्षण व पुनर्जीवन के लिए विशेष अभियान चलाए जाएंगे।



👤 कौन हैं रविन्द्र कुमार मांदड़?


2013 बैच के IAS अधिकारी, मूल रूप से जयपुर, राजस्थान से।


पूर्व में प्रयागराज में तैनाती के दौरान कुंभ मेले जैसे भव्य आयोजन को सफलतापूर्वक संभाला।


रामपुर में मिशन समर्थ के तहत दिव्यांग बच्चों की सर्जरी और अमृत सरोवर योजना के अंतर्गत तालाबों का पुनर्निर्माण कराया।



DM मांदड़ का कार्यशैली में जनता के प्रति संवेदनशीलता और कार्यों में पारदर्शिता उनकी प्रशासनिक पहचान रही है। गाजियाबाद में उनके आगमन से लोगों को अब बेहतर प्रशासनिक बदलाव की उम्मीद है


ड्रोन के डर में चोर समझ बैठे दामाद: ससुराल आए युवक को ग्रामीणों ने पीटा, बाद में हुई सच्चाई उजागर

गाजियाबाद के मोदीनगर क्षेत्र के गांव बिसोखर में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है । यहां ड्रोन की अफवाहों और डर के बीच गांव की सुरक्षा ...