गाजियाबाद, 25 जून — गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) में एक बड़ा फाइल घोटाला उजागर हुआ है। रियल एंकर डेवलपर्स के कनावनी और प्रह्लादगढ़ी प्रोजेक्ट की 2012 में पास की गई फाइलें अब रिकॉर्ड से लापता हैं। साल 2014 में इन फाइलों के गायब होने की बात सामने आई थी, लेकिन प्राधिकरण ने वर्षों तक विभागीय स्तर पर इसे सुलझाने की कोशिश की।
जब मामला नहीं सुलझा, तो नवंबर 2024 में आधिकारिक रूप से शिकायत दर्ज कराई गई। करीब सात महीने की लंबी जांच के बाद तीन लिपिक—कृष्णकांत, वेद त्यागी और नवीन चंद्र के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
इन कर्मचारियों पर आरोप है कि उन्होंने जानबूझकर फाइलें गायब कीं और प्राधिकरण की कार्यप्रणाली को प्रभावित किया। उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, ये फाइलें नक्शा पास कराने, निर्माण स्वीकृति और योजनाओं की मंजूरी से जुड़ी थीं, जिनकी हाल में दोबारा जरूरत पड़ी, लेकिन रिकॉर्ड में नहीं मिलीं।
FIR दर्ज करने में सात महीने की देरी को लेकर अब पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं
। हालांकि पुलिस ने अब मामले की जांच शुरू कर दी है, और GDA प्रशासन भी आंतरिक स्तर पर जांच में जुटा है। अधिकारियों का कहना है कि मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी और दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।