गाजियाबाद के शालीमार गार्डन इलाके में दो मुस्लिम महिलाओं ने शनिवार को हिंदू धर्म अपना लिया। दोनों ने आरोप लगाया कि मुस्लिम समाज में महिलाओं के साथ भेदभाव होता है, उन्हें चार शादी और हलाला जैसी प्रथाओं का डर सताता है। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में उन्हें आत्मसम्मान और सुरक्षा का एहसास हुआ।
खुशबू खान ने छोड़ा पिछला जीवन, कहा- "विपिन ने सम्मान दिया, इसलिए उसके साथ हूं"
12 साल पहले यूसुफ से शादी करने वाली खुशबू खान ने बताया कि शादी के बाद से ही पति और ससुराल वाले मारपीट करते थे और जबरन बुर्का पहनने का दबाव डालते थे। एक बार किसी अन्य पुरुष के सामने बुर्का उतारने पर उसे बेरहमी से पीटा गया। इसी दौरान उसकी मुलाकात विपिन साहू से हुई, जिसने उसे और उसके बच्चों को सम्मान दिया।
“अब मैं तीन साल से विपिन के साथ रह रही हूं, मांग में सिंदूर भरती हूं और मंगलसूत्र पहनती हूं। मुस्लिम समाज में महिलाओं की कोई इज्जत नहीं, लेकिन हिंदू धर्म में हमें देवी का दर्जा मिलता है,” – खुशबू ने कहा।
सोनिया खान बनीं सोनिया चौधरी, कहा- "बुर्का, हलाला और बहुविवाह से थी नफरत"
26 वर्षीय सोनिया खान ने बताया कि उनका झुकाव बचपन से ही हिंदू धर्म की ओर था। मुस्लिम समाज की कट्टरपंथी परंपराएं जैसे बुर्का, हलाला और बहुविवाह उन्हें कभी स्वीकार नहीं थीं।
छह साल पहले उन्होंने अपनी मर्जी से धीरज जायसवाल से शादी की थी। परिवार ने धमकियां दीं, लेकिन उन्होंने साथ नहीं छोड़ा।
“आज हमारे दो बेटे हैं और मैं पूरी श्रद्धा से हिंदू धर्म अपना चुकी हूं,” सोनिया ने बताया।
पूरे विधि-विधान से कराया गया धर्म परिवर्तन
हिंदू रक्षा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष पिंकी चौधरी ने बताया कि दोनों महिलाओं का विधिवत हवन-पूजन और मंत्रोच्चारण के साथ धर्म परिवर्तन कराया गया है।
"दोनों ने अपनी मर्जी से हिंदू धर्म अपनाने की इच्छा जताई थी, हम सिर्फ उनका मार्गदर्शन कर रहे हैं," – पिंकी चौधरी ने कहा।
यह मामला एक बार फिर धर्म, व्यक्तिगत आज़ादी और महिलाओं के अधिकारों को लेकर बहस छेड़ सकता है।