गाजियाबाद साइबर क्राइम थाना पुलिस ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश का झांसा देकर करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले गिरोह का खुलासा किया है। इस गिरोह ने गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर समेत चार राज्यों में कुल 6.85 करोड़ रुपये की सात घटनाओं को अंजाम दिया है। पुलिस ने मुख्य आरोपी सुमित जिंदल को गिरफ्तार कर उसके पास से 6 लाख रुपये नकद, मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड और चेकबुक बरामद की है।
कैसे करते थे ठगी?
गिरोह की ठगी की रणनीति बेहद शातिराना थी। आरोपी फेसबुक पर फर्जी प्रोफाइल के जरिए महिलाओं से दोस्ती करते और फिर उन्हें व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़कर फर्जी वेबसाइट लिंक भेजते। इन लिंक के ज़रिए पीड़ितों को क्रिप्टोकरेंसी और शेयर ट्रेडिंग में मोटा मुनाफा कमाने का लालच दिया जाता।
पीड़ितों से एक फर्जी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर अकाउंट खुलवाया जाता और फिर उनसे निवेश के नाम पर अलग-अलग बैंक खातों में पैसा जमा करवाया जाता।
महिलाओं की थी अहम भूमिका
इस गिरोह में शामिल महिलाएं फेसबुक पर लोगों से भावनात्मक जुड़ाव बनाकर भरोसे में लेती थीं। इसके बाद उन्हें फर्जी निवेश योजनाओं में शामिल कर पैसे ट्रांसफर कराए जाते। सुमित जिंदल का काम फर्जी बैंक खाते उपलब्ध कराना था। इन खातों में पैसा आते ही वह 10% कमीशन लेकर बाकी रकम अपने साथियों को ट्रांसफर करता था।
सामने आईं ये घटनाएं
गाजियाबाद के अंकित रस्तोगी से 1.82 लाख रुपये की ठगी की गई। शिकायत 18 जुलाई को दर्ज कराई गई थी।
गौतमबुद्धनगर निवासी अशोक अग्रवाल से 3.26 करोड़ रुपये की साइबर ठगी की पुष्टि हुई।
आंध्र प्रदेश की राधिका से 59 लाख रुपये की ठगी सामने आई।
इसके अलावा कई अन्य राज्यों में भी इसी तरह की धोखाधड़ी की गई है।