रिपोर्ट सौरव दीक्षित
गाजियाबाद के साहिबाबाद में सब्जी मंडी के आढ़ती योगेंद्र राघव की आत्महत्या मामले में रेलवे रोड चौकी प्रभारी लालचंद कनौजिया की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उन पर लेनदेन विवाद में जबरन समझौता कराने और मृतक को अवैध रूप से हिरासत में रखने का आरोप लगा है। इस मामले में उनके खिलाफ विभागीय जांच बैठा दी गई है।
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डीसीपी निमिष पाटिल |
परिवार नाराज़, आरोपियों की गिरफ्तारी की कर रहे मांग
62 वर्षीय योगेंद्र राघव ने शुक्रवार सुबह अपने घर पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। मौके से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ जिसमें उन्होंने कारोबारी साझेदार राशिद और उसके साथियों पर धमकी देने और चौकी प्रभारी लालचंद कनौजिया पर जबरन समझौता लिखवाने का आरोप लगाया।
मृतक के भाई नरेंद्र राघव और परिवार के अन्य सदस्यों ने दो दिन बीतने के बावजूद किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी न होने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने आरोपी दरोगा को निलंबित कर तत्काल गिरफ्तारी और अन्य आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
डीसीपी ने जांच एसीपी को सौंपी
डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष पाटिल ने चौकी प्रभारी की भूमिका की जांच एसीपी साहिबाबाद को सौंपी है और शीघ्र रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने कहा कि जांच के निष्कर्ष के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं, डीसीपी देहात सुरेंद्रनाथ तिवारी ने बताया कि सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं और जल्द ठोस कार्रवाई होगी।
साजिश और धमकी का आरोप
मृतक योगेंद्र राघव "बाबा भोलेनाथ फ्रूट एंड कंपनी" के नाम से साहिबाबाद सब्जी मंडी में फलों का कारोबार करते थे। सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा कि कारोबारी साझेदार राशिद ने अन्य लोगों के साथ मिलकर घर में घुसकर धमकाया और पुलिस की मिलीभगत से चौकी में बंद कर दबाव बनाया गया।
मुकदमा दर्ज, जांच जारी
मृतक के पुत्र की शिकायत पर मसूरी थाने में दरोगा लालचंद कनौजिया, राशिद, अतुल, राशिद के भाई सानू और कल्लू के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने, धमकी देने और अवैध हिरासत जैसी गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है।