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शुक्रवार, 25 जुलाई 2025

गाजियाबाद: तीन लाख दहेज की मांग पर विवाहिता को दिया तीन तलाक, पति समेत 8 पर केस दर्ज

 



गाजियाबाद के मुरादनगर में तीन लाख रुपये की दहेज मांग पूरी न होने पर एक विवाहिता को तीन तलाक देकर घर से निकालने का मामला सामने आया है। पीड़िता ने पति समेत आठ ससुराल वालों पर मारपीट और दहेज उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाया है। पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

पीड़िता रोहीन की शादी जून 2019 में मेरठ जिले के फलावदा निवासी इरशाद से हुई थी। शुरूआती कुछ समय तक सब कुछ सामान्य रहा, लेकिन शादी के एक साल बाद से ही ससुराल पक्ष ने दहेज में तीन लाख रुपये की मांग करनी शुरू कर दी।

रोहीन पर लगातार दबाव बनाया गया और जब उसने मना किया तो उसे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाने लगा। पीड़िता के अनुसार, उसका पति इरशाद शराब के नशे में आए दिन उसके साथ मारपीट करता था।

इस मामले को लेकर पंचायत भी हुई थी, जिसमें ससुराल वालों ने भविष्य में कोई दहेज की मांग न करने का वादा किया था, लेकिन कुछ समय बाद फिर से प्रताड़ना शुरू हो गई। हाल ही में रोहीन को दोबारा बुरी तरह पीटा गया और पति ने उसे तीन तलाक देकर घर से निकाल दिया।

पीड़िता मुरादनगर स्थित मायके पहुंची और परिजनों को आपबीती सुनाई। इसके बाद उसने महिला थाने में शिकायत दर्ज कराई।

एसीपी मसूरी के अनुसार, आरोपितों में पति इरशाद, सास शहीदा, ससुर कमरूद्दीन, जेठ आस मोहम्मद, शहजाद, जेठानी गुलिस्ता, देवर वसीम और नदीम शामिल हैं। पुलिस ने IPC और मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। दोषियों की गिरफ्तारी जल्द की जाएगी।

डीसीपी ट्रांस हिंडन का एक्स अकाउंट सस्पेंड, कारण स्पष्ट नहीं; कंपनी से संपर्क

 


गाजियाबाद के साहिबाबाद क्षेत्र में डीसीपी ट्रांस हिंडन का आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट निलंबित कर दिया गया है। फिलहाल इस निलंबन के पीछे की वजह साफ नहीं हो सकी है। डीसीपी निमिष पाटिल ने जानकारी दी कि अकाउंट को दोबारा सक्रिय कराने के लिए एक्स कंपनी को ई-मेल भेजा गया है और उम्मीद है कि जल्द ही यह फिर से चालू हो जाएगा।


गौरतलब है कि गाजियाबाद में पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था लागू होने के बाद जिले को तीन जोनों—सिटी, ग्रामीण और ट्रांस हिंडन—में बांटा गया था। सभी डीसीपी के आधिकारिक एक्स अकाउंट बनाए गए थे, ताकि सोशल मीडिया के माध्यम से शिकायतों की निगरानी की जा सके और पीड़ितों को त्वरित प्रतिक्रिया दी जा सके। साथ ही पुलिस अपने सराहनीय कार्य भी इन माध्यमों पर साझा करती रही है।


शुक्रवार सुबह से लोग डीसीपी ट्रांस हिंडन को अपनी शिकायतों में टैग नहीं कर पा रहे थे। जांच के बाद पता चला कि उनका अकाउंट सस्पेंड कर दिया गया है। फिलहाल अकाउंट को बहाल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।


गाजियाबाद: शिब्बनपुरा में गत्ते के गोदाम में लगी भीषण आग, इलाके में मचा हड़कंप

 



गाजियाबाद के शिब्बनपुरा इलाके में शुक्रवार तड़के एक गत्ते के गोदाम में अचानक भीषण आग लग गई, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। आग के कारण धुएं का घना गुबार उठता देख आसपास के लोग सहम गए। मौके पर दमकल विभाग की एक गाड़ी ने पहुंचकर आग पर काबू पाया।


घटना की जानकारी मिलते ही सीएफओ राहुल पाल के नेतृत्व में फायर टीम मौके पर पहुंची। उन्होंने बताया कि आग जितेंद्र एंटरप्राइज नामक गत्ते के गोदाम में लगी थी। गोदाम में भारी मात्रा में गत्ता और कबाड़ जमा होने के कारण आग ने तेजी से विकराल रूप ले लिया।


सुबह करीब साढ़े चार बजे सूचना मिलने पर एफएसओ कोतवाली फायर यूनिट के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। फायरकर्मियों ने तुरंत हौज पाइप से पानी डालकर आग बुझाने का काम शुरू किया और कुछ ही देर में आग पर काबू पा लिया गया।


हालांकि, आग से गोदाम में रखा सारा सामान जलकर खाक हो गया। गनीमत रही कि इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई। आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है।


गाजियाबाद: साहिबाबाद मंडी के आढ़ती ने की आत्महत्या, परिजनों ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

 



गाजियाबाद के मसूरी थाना क्षेत्र स्थित आकाश नगर में गुरुवार को साहिबाबाद सब्जी मंडी के आढ़ती पप्पू राघव (62) ने अपने घर में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। घटना से इलाके में सनसनी फैल गई। परिजनों ने आत्महत्या की वजह पुलिस की लापरवाही और धमकियों को बताया है।


परिजनों के मुताबिक, पप्पू राघव का कुछ लोगों से रुपयों के लेनदेन को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। इस संबंध में उन्होंने दो महीने पहले लिंक रोड थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।


घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस को पप्पू राघव का एक सुसाइड नोट भी मिला, जिसमें उन्होंने रेलवे रोड चौकी इंचार्ज पर गंभीर आरोप लगाए हैं। परिजनों का कहना है कि चौकी इंचार्ज ने जबरन समझौता करने का दबाव बनाया और धमकियां भी दीं, जिससे वह मानसिक रूप से बेहद परेशान थे।


परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस की निष्क्रियता और दबाव ने पप्पू को आत्महत्या जैसे कदम उठाने पर मजबूर कर दिया। फिलहाल पुलिस मामले की जांच की बात कह रही है, लेकिन परिवार न्याय की मांग को लेकर अड़ा हुआ है।


घटना ने पुलिस कार्यशैली पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं और इलाके में आक्रोश का माहौल है।


गाजियाबाद में रात में गुजरात पुलिस की दबिश से हड़कंप, युवक की गिरफ्तारी पर उठे सवाल

 



गाजियाबाद की पंचवटी कॉलोनी में गुरुवार देर रात अचानक गुजरात पुलिस की दबिश से इलाके में हड़कंप मच गया। गुजरात के सूरत से आई पुलिस टीम ने स्थानीय कोतवाली पुलिस के साथ मिलकर आशीष गुप्ता नामक युवक को गिरफ्तार करने की कोशिश की। इस कार्रवाई को लेकर परिजनों और अधिवक्ता ने पुलिस पर नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया है।


बताया जा रहा है कि रात करीब साढ़े 11 बजे गुजरात पुलिस और कोतवाली पुलिस के करीब 20-25 जवान आशीष गुप्ता के घर के आसपास पहुंच गए। अधिवक्ता खालिद खान के अनुसार, यह पूरी कार्रवाई उस मुकदमे में की गई जिसमें अधिकतम सजा सात साल से कम है, ऐसे में रात में गिरफ्तारी की कार्रवाई कानून के खिलाफ मानी जाती है।


आशीष गुप्ता इसी साल जून में सूरत की एक सौर ऊर्जा कंपनी में सहायक प्रबंधक के पद पर नियुक्त हुआ था। कुछ समय बाद उसे कंपनी के खिलाफ सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार और धमकी देने के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया। इसके बाद 17 जुलाई को कंपनी ने उसके खिलाफ सूरत थाने में मानहानि और धमकी का केस दर्ज कराया।


अधिवक्ता का आरोप है कि गुजरात पुलिस ने बिना किसी वारंट के, रात में जिस तरह का व्यवहार किया, वह नियमों और मानवाधिकारों का उल्लंघन है। उनका कहना है कि जब मामला सात साल से कम सजा वाली धाराओं का है, तो रात में दबिश देना अवैध है।


इस पूरे मामले पर एसीपी कोतवाली रितेश त्रिपाठी ने सफाई देते हुए कहा कि गुजरात पुलिस ने अपने मामले में आरोपी से पूछताछ के लिए मदद मांगी थी, इसलिए स्थानीय पुलिस ने सहयोग किया। हालांकि देर रात इंस्पेक्टर कोतवाली से बातचीत के बाद पुलिस टीम वापस लौट गई।


अब पुलिस की इस कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं, और परिजन कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर रहे हैं।


गुरुवार, 24 जुलाई 2025

वैशाली सेक्टर-5 के फ्लैट में भीषण आग: फ्रिज में शॉर्ट सर्किट से हादसा, दमकल ने पाया काबू

 


साहिबाबाद। कौशांबी थाना क्षेत्र की डिजाइन आर्क सोसायटी, वैशाली सेक्टर-5 में गुरुवार सुबह एक फ्लैट में भीषण आग लग गई। प्रारंभिक जांच में आग का कारण फ्रिज में शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। राहत की बात रही कि घटना के समय फ्लैट खाली था और कोई जनहानि नहीं हुई।


दूसरी मंजिल पर रहने वाले कपिल गर्ग के फ्लैट से करीब 11:45 बजे धुआं और लपटें उठती देख अन्य निवासियों ने तत्काल दमकल विभाग को सूचना दी। आग इतनी तेजी से फैली कि कुछ ही मिनटों में पूरे फ्लैट को चपेट में ले लिया। कांच और खिड़कियों के टूटने की आवाजें दूर तक सुनाई दीं।


मुख्य अग्निशमन अधिकारी राहुल पाल के अनुसार, दमकल की तीन गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और फ्लैट का दरवाजा तोड़कर आग बुझाने का अभियान शुरू किया गया। लगभग आधे घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया।


अधिकारियों ने बताया कि फ्लैट में रखा सारा घरेलू सामान जलकर राख हो गया। प्रथम दृष्टया माना जा रहा है कि आग फ्रिज में शॉर्ट सर्किट से लगी। हालांकि, मामले की विस्तृत जांच की जा रही है।


क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुल रहमान सिद्दीकी सस्पेंड: 6 साल पुरानी लापरवाही बनी बड़ी वजह, छांगुर गैंग से कनेक्शन की जांच जारी

 


रिपोर्ट :-सौरव दिक्षित समाचार प्रभारी 

गाजियाबाद:

कमिश्नरेट पुलिस के क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुल रहमान सिद्दीकी को पुलिस आयुक्त जे. रविंदर गौड़ ने निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई एक छह साल पुराने अपहरण मामले में लापरवाही सामने आने के बाद की गई है, जिसमें सिद्दीकी की भूमिका सवालों के घेरे में आ गई है।


मामला क्या है?


वर्ष 2019 में मेरठ के सिविल लाइन थाना क्षेत्र में एक युवती के अपहरण की रिपोर्ट थाने में दी गई थी। परिजनों ने आरोप लगाया था कि यह अपहरण छांगुर बाबा गिरोह के सक्रिय सदस्य बदर अख्तर सिद्दीकी ने किया है। उस समय सिविल लाइन थाने के प्रभारी अब्दुल रहमान सिद्दीकी थे, जिन्होंने कथित रूप से परिजनों की शिकायत को अनदेखा कर उन्हें थाने से भगा दिया।


जांच में खुली पोल


छांगुर बाबा के एटीएस की गिरफ्त में आने के बाद, उससे पूछताछ में इस मामले की जानकारी सामने आई। इसके बाद जब एटीएस ने मेरठ एसएसपी को पत्र लिखकर 2019 के केस से संबंधित जानकारी मांगी, तो जांच में अब्दुल रहमान सिद्दीकी की लापरवाही साबित हुई।


युवती करती थी कॉल सेंटर में काम


अपहृत युवती सरूरपुर की रहने वाली थी और एक कॉल सेंटर में काम करती थी। इसी दौरान उसकी पहचान बदर अख्तर से हुई। बाद में एक क्रेडिट कार्ड फ्रॉड के जरिए युवती के परिवार को पता चला कि बदर उसका नाम और कार्ड इस्तेमाल कर रहा है। जब उन्होंने पुलिस में शिकायत की, तो सुनवाई नहीं हुई।


बदर अख्तर: छांगुर गैंग का ‘फील्ड वर्कर’


बदर अख्तर सिद्दीकी, मेरठ के लिसाड़ी गेट क्षेत्र के किदवई नगर का निवासी है और छांगुर बाबा गैंग का प्रमुख सदस्य बताया जा रहा है। उस पर हिंदू युवतियों को बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करने के गंभीर आरोप हैं।


एटीएस को उसके खिलाफ कई चैट्स और कॉल रिकॉर्डिंग्स भी मिले हैं, जिससे यह साफ होता है कि वह सिर्फ एक-दो नहीं, बल्कि कई मामलों में सक्रिय भूमिका निभा रहा था। उसकी गैंग में भूमिका एक 'फील्ड वर्कर' जैसी थी जो युवतियों से सीधे संपर्क बनाता और फिर उनका ब्रेनवॉश करने की कोशिश करता।


पुलिस की कार्रवाई


अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) आलोक प्रियदर्शी ने पुष्टि की है कि अब्दुल रहमान सिद्दीकी को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही मेरठ पुलिस अब बदर अख्तर की तलाश में जुट गई है, जो आखिरी बार सरूरपुर इलाके में देखा गया था।


निष्कर्ष


छांगुर गैंग के खिलाफ चल रही जांच ने एक पुराने मामले की परतें खोल दी हैं और पुलिस विभाग के भीतर की लापरवाही को उजागर किया है। यह प्रकरण अब न सिर्फ सस्पेंड हुए अधिकारी की भूमिका पर सवाल उठा रहा है, बल्कि पुलिस की जवाबदेही पर भी गंभीर बहस छेड़ रहा है।


गाजियाबाद: तीन लाख दहेज की मांग पर विवाहिता को दिया तीन तलाक, पति समेत 8 पर केस दर्ज

  गाजियाबाद के मुरादनगर में तीन लाख रुपये की दहेज मांग पूरी न होने पर एक विवाहिता को तीन तलाक देकर घर से निकालने का मामला सामने आया है। पीड...