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रिपोर्ट :- सौरव दिक्षित (समाचार प्रभारी )
गाजियाबाद के मुरादनगर स्थित गांव मिलक दुहाई में श्मशान घाट की अनुपलब्धता ने एक बार फिर सिस्टम की नाकामी को उजागर कर दिया है। गांव की 65 वर्षीय महिला शीला देवी के अंतिम संस्कार के दौरान अचानक तेज बारिश शुरू हो गई, जिससे परिजन और ग्रामीणों को मजबूरी में खुले में ही अंत्येष्टि करनी पड़ी।
बारिश से बचने के लिए ग्रामीणों ने तिरपाल तानी और JCB मशीन के पंजे को छतरी की तरह इस्तेमाल किया। यह अस्थायी इंतजाम ही उस समय का सहारा बना। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और लोगों की नाराजगी को भी दर्शा रहा है।
बताया जा रहा है कि यह वीडियो चार दिन पुराना है। मिलक दुहाई गांव, नगर निगम गाजियाबाद क्षेत्र में आता है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार श्मशान घाट की मांग को लेकर ज्ञापन और आंदोलन किए, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। जिस भूमि पर श्मशान घाट प्रस्तावित था, वह कानूनी विवाद में उलझी हुई है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि बरसात के मौसम में अंतिम संस्कार करना बेहद चुनौतीपूर्ण हो जाता है और यह मानवीय गरिमा के खिलाफ है। इस घटना ने एक बार फिर बुनियादी नागरिक सुविधाओं की कमी को उजागर कर दिया है, जिससे ग्रामीण लंबे समय से जूझ रहे हैं।