गाजियाबाद के मुरादनगर में थाने के ठीक बाहर एक युवक की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई। मृतक अपने पिता और भाई के साथ आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने थाने पहुंचा था। इसी दौरान थाने के बाहर घात लगाए बैठे आरोपियों ने उस पर चार गोलियां दाग दीं। युवक की मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। लापरवाही के आरोप में मुरादनगर थाना प्रभारी शैलेंद्र सिंह तोमर, सब-इंस्पेक्टर सूबे सिंह और बीट दरोगा मोहित सिंह को निलंबित कर दिया गया है।
झगड़े से हत्या तक: पूरा घटनाक्रम
मृतक की पहचान रवि शर्मा के रूप में हुई है, जो मिल्क रावली गांव का निवासी था। मंगलवार रात रवि अपने पिता श्रीपाल और भाई के साथ एक पारिवारिक सदस्य को ऑटो में बैठाने गया था। इस दौरान रास्ते में गाड़ी रोकने को लेकर गांव के ही मोंटी से विवाद हो गया। विवाद के बाद आरोपियों ने रात में ही रवि के घर पर आकर फायरिंग कर दी। पिता श्रीपाल शर्मा ने पुलिस को 112 नंबर पर कॉल कर सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने उन्हें थाने आने को कहा।
बुधवार सुबह श्रीपाल अपने दोनों बेटों और एक पड़ोसी के साथ थाने पहुंचे। थाने के बाहर बड़ा बेटा रवि रुका था, तभी आरोपी मोंटी और उसका साथी अजय वहां पहुंच गए और रवि पर फायरिंग कर दी। गोली लगते ही रवि वहीं गिर पड़ा। आनन-फानन में उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस मूकदर्शक बनी रही, वीडियो बनाते रहे अफसर
घटनास्थल पर मौजूद परिजनों और चश्मदीदों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। रवि के पिता और भाई का कहना है कि घटना के वक्त पुलिसकर्मी सिर्फ वीडियो बनाते रहे, किसी ने मदद नहीं की। पड़ोसी राजकुमार ने बताया कि एक गोली उसके पास से गुजरी, जबकि रवि के सीने में चार गोलियां लगीं।
आरोपी पर पहले से दर्ज हैं गंभीर मुकदमे
पुलिस जांच में सामने आया है कि हत्या में शामिल अजय छह महीने पहले गांव की एक युवती से रेप के आरोप में जेल गया था और 15 दिन पहले ही जमानत पर बाहर आया था। मोंटी पर भी आपराधिक रिकॉर्ड दर्ज हैं।
गुस्साए ग्रामीणों का थाने के बाहर प्रदर्शन
घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया। ग्रामीणों ने मुरादनगर थाने के बाहर शव रखकर जाम लगा दिया और धरने पर बैठ गए। उनका साफ कहना है कि जब तक हमलावर गिरफ्तार नहीं होंगे, प्रदर्शन जारी रहेगा।
वरिष्ठ अधिकारियों की कार्रवाई
पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गौड ने थाने की लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए तीन अधिकारियों को सस्पेंड कर विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। एडिशनल पुलिस कमिश्नर आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तीन टीमें बनाई गई हैं। मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
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यह घटना न सिर्फ कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि पुलिस की कार्यशैली पर भी गंभीर प्रश्नचिन्ह लगाती है, जहां थाने तक पहुंचा फरियादी सुरक्षित नहीं है।
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