गाजियाबाद की पंचवटी कॉलोनी में गुरुवार देर रात अचानक गुजरात पुलिस की दबिश से इलाके में हड़कंप मच गया। गुजरात के सूरत से आई पुलिस टीम ने स्थानीय कोतवाली पुलिस के साथ मिलकर आशीष गुप्ता नामक युवक को गिरफ्तार करने की कोशिश की। इस कार्रवाई को लेकर परिजनों और अधिवक्ता ने पुलिस पर नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया है।
बताया जा रहा है कि रात करीब साढ़े 11 बजे गुजरात पुलिस और कोतवाली पुलिस के करीब 20-25 जवान आशीष गुप्ता के घर के आसपास पहुंच गए। अधिवक्ता खालिद खान के अनुसार, यह पूरी कार्रवाई उस मुकदमे में की गई जिसमें अधिकतम सजा सात साल से कम है, ऐसे में रात में गिरफ्तारी की कार्रवाई कानून के खिलाफ मानी जाती है।
आशीष गुप्ता इसी साल जून में सूरत की एक सौर ऊर्जा कंपनी में सहायक प्रबंधक के पद पर नियुक्त हुआ था। कुछ समय बाद उसे कंपनी के खिलाफ सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार और धमकी देने के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया। इसके बाद 17 जुलाई को कंपनी ने उसके खिलाफ सूरत थाने में मानहानि और धमकी का केस दर्ज कराया।
अधिवक्ता का आरोप है कि गुजरात पुलिस ने बिना किसी वारंट के, रात में जिस तरह का व्यवहार किया, वह नियमों और मानवाधिकारों का उल्लंघन है। उनका कहना है कि जब मामला सात साल से कम सजा वाली धाराओं का है, तो रात में दबिश देना अवैध है।
इस पूरे मामले पर एसीपी कोतवाली रितेश त्रिपाठी ने सफाई देते हुए कहा कि गुजरात पुलिस ने अपने मामले में आरोपी से पूछताछ के लिए मदद मांगी थी, इसलिए स्थानीय पुलिस ने सहयोग किया। हालांकि देर रात इंस्पेक्टर कोतवाली से बातचीत के बाद पुलिस टीम वापस लौट गई।
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