साहिबाबाद। ट्रांस हिंडन एरिया (टीएचए) में कानून-व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाने के लिए 16 मई से बीट पुलिसिंग प्रणाली लागू कर दी गई है। इस नई व्यवस्था के अंतर्गत कुल 1006 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं, जिनमें 693 बीट पुलिस ऑफिसर (बीपीओ) और 313 बीट सब इंस्पेक्टर (बीएसआई) शामिल हैं। इन्हें तीन पुलिस सर्किलों के विभिन्न क्षेत्रों में जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।
शनिवार को गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर जे. रविंद्र गौड़ ने टीएचए में आयोजित बीट अधिकारी सम्मेलन में सभी अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने पुलिसकर्मियों को जनता के बीच जाकर भरोसा कायम करने, सहायता पहुंचाने और कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील की। इस मौके पर एडिशनल कमिश्नर आलोक प्रियदर्शी, डीसीपी निमिष पाटिल और सभी एसीपी भी उपस्थित रहे।
सम्मेलन का आयोजन मोहननगर स्थित आईटीएस कॉलेज में हुआ, जहां पुलिस कमिश्नर ने बीट अधिकारियों से सीधे संवाद करते हुए अपराध नियंत्रण, जनसंपर्क और सूचना तंत्र को सशक्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बीट पुलिसिंग से अपराधियों पर लगाम लगेगी और आम जनता में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ेगा। अधिकारियों को नियमित गश्त, स्थानीय समस्याओं की पहचान और त्वरित कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए।
कमिश्नर गौड़ ने स्पष्ट किया कि पुलिस की नौकरी केवल रोजगार नहीं, बल्कि एक सेवा है। उन्होंने कहा कि जनता के टैक्स से हमें वेतन मिलता है, इसलिए असल नियोक्ता जनता है। जनता का सम्मान और उनकी सेवा करना पुलिसकर्मियों की प्रमुख जिम्मेदारी है।
बीट पुलिसिंग के तहत एक बीपीओ को लगभग 5000 लोगों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। बीपीओ को यह जानकारी रखना अनिवार्य होगा कि क्षेत्र में कौन अपराधी है और कौन समाज का प्रतिष्ठित व्यक्ति। बीपीओ को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत धारा 126 और 175 के अंतर्गत कार्रवाई करने का भी अधिकार होगा।
इन थाना क्षेत्रों में बीट की संख्या:
इंदिरापुरम: 114
खोड़ा: 195
कौशांबी: 56
साहिबाबाद: 102
लिंक रोड: 82
शालीमार गार्डन: 50
टीला मोड़: 94
नौकरी या सेवा पर सवाल ने किया सोचने को मजबूर
सम्मेलन के दौरान पुलिस कमिश्नर ने जब यह सवाल किया कि वे विभाग में नौकरी करने आए हैं या सेवा करने, तो ऑडिटोरियम में सन्नाटा छा गया। जब किसी ने उत्तर नहीं दिया, तो कमिश्नर ने खुद ही कहा कि पुलिस का कार्य सेवा है, और सेवा भावना से ही जनता का भरोसा जीता जा सकता है। यही भरोसा क्षेत्र को भयमुक्त बनाने में मदद करेगा।
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