गाजियाबाद के एमएमजी अस्पताल में गुरुवार सुबह पित्त की थैली का ऑपरेशन कराने वाली 57 वर्षीय महिला की मौत हो गई। मौत के बाद परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया। स्थिति बिगड़ती देख अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को बुलाया। मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को समझा-बुझाकर शांत कराया। फिलहाल शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय चिकित्सकीय समिति का गठन कर दिया गया है।
ऑपरेशन के एक दिन बाद बिगड़ी तबीयत
मूलरूप से विजयनगर की माता कॉलोनी निवासी किशनलाल की पत्नी अंगूरी देवी को पित्त की थैली में पथरी की शिकायत के बाद बुधवार को अस्पताल में भर्ती किया गया था। सर्जन डॉ. महेंद्र कुमार द्वारा उसी दिन दोपहर में ऑपरेशन किया गया और फिर उन्हें महिला सर्जिकल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया।
परिजनों का आरोप है कि ऑपरेशन के बाद से ही अंगूरी देवी की तबीयत बिगड़ने लगी थी, लेकिन न तो कोई डॉक्टर देखने आया और न ही वार्ड में मौजूद नर्सिंग स्टाफ ने उनकी शिकायतों पर ध्यान दिया। रात भर स्थिति और गंभीर होती चली गई और गुरुवार सुबह उनकी मौत हो गई।
अस्पताल प्रशासन ने परिजनों पर ही डाला जिम्मा
सीएमएस डॉ. राकेश कुमार सिंह का कहना है कि ऑपरेशन के बाद मरीज को पानी नहीं पिलाने की सख्त हिदायत दी जाती है, लेकिन परिजनों ने उन्हें पानी पिला दिया, जिससे उनकी हालत और बिगड़ गई। उन्होंने बताया कि इस मामले में अभी तक कोई लिखित शिकायत प्राप्त नहीं हुई है, लेकिन एहतियातन जांच के लिए तीन डॉक्टरों की कमेटी बनाई गई है, जिसमें डॉ. संतराम वर्मा (फिजिशियन), डॉ. चरण सिंह (एनेस्थेटिस्ट) और डॉ. शेखर यादव (आर्थोपेडिक सर्जन) शामिल हैं। समिति को तीन दिन में जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।
पुलिस ने शांत कराया हंगामा
घटना की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने परिजनों से बातचीत की और उन्हें समझाकर मामला शांत कराया। एसीपी कोतवाली रितेश त्रिपाठी ने बताया कि किसी ने अब तक तहरीर नहीं दी है, लेकिन स्थिति को देखते हुए पुलिस तैनात रही।
मामले को लेकर परिजन न्याय की मांग कर रहे हैं, जबकि अस्पताल प्रशासन पूरे घटनाक्रम की जांच का भरोसा दे रहा है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें