गाजियाबाद के मोदीनगर में स्वास्थ्य सेवाओं की बड़ी लापरवाही सामने आई है। मानवता पुरी कॉलोनी निवासी श्रमिक सुदर्शन की पत्नी वैंजन देवी को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने तुरंत आशा वर्कर और एम्बुलेंस को सूचना दी, लेकिन न तो समय पर एंबुलेंस पहुंची, न ही आशा वर्कर। आशा वर्कर तीन घंटे बाद मौके पर आई।
परिवार वालों ने मजबूरी में वैंजन देवी को ऑटो से डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। लेकिन अस्पताल के मुख्य गेट पर पहुंचते ही महिला की हालत बिगड़ गई। भीषण गर्मी में महिला को लगभग 20 मिनट तक ऑटो में ही तड़पना पड़ा।
स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों और अस्पताल स्टाफ ने ऑटो में ही डिलीवरी कराई, जहां महिला ने जुड़वा बच्चों – एक बेटे और एक बेटी को जन्म दिया।
अस्पताल प्रभारी डॉ. दिनेश कुमार ने बताया कि बच्चों का वजन औसत से कम है, लेकिन तीनों की हालत स्थिर है और उन्हें अस्पताल में भर्ती कर लिया गया है। उन्होंने लापरवाही के आरोपों को खारिज किया, लेकिन आशा वर्कर की देरी की जांच की बात कही है।
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