गाजियाबाद। गाजियाबाद नगर निगम ने पहली बार वेव सिटी के निवासियों से संपत्ति कर वसूलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। शासन के निर्देश के बाद नगर निगम ने यह निर्णय लिया है, जिससे अनुमान है कि नगर निगम के राजस्व में करीब 10 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी होगी।
अब तक वेव सिटी में रहने वाले लोगों से गृहकर नहीं लिया जाता था। लेकिन अब कविनगर जोन की टीम द्वारा सर्वे कराकर संपत्तियों की पहचान की जा रही है। अभी तक 7,500 से अधिक संपत्तियों को चिन्हित कर उनके लिए बिल जारी किए जा चुके हैं, जबकि सर्वे का कार्य अभी भी जारी है।
नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉ. संजीव सिन्हा ने बताया कि कुल मिलाकर लगभग 15,000 संपत्तियों को कर के दायरे में लाने का लक्ष्य है। वर्तमान में छह हजार संपत्तियों पर कर बिल जारी हो चुके हैं, और शेष पर सर्वे के बाद बिल भेजे जाएंगे।
वेव सिटी प्रबंधन का पहले यह तर्क था कि यह एक हाईटेक टाउनशिप है और जब तक इसका पूर्ण विकास नहीं हो जाता, तब तक गृहकर नहीं लिया जाना चाहिए। लेकिन शासन ने इस तर्क को खारिज करते हुए निगम को गृहकर वसूली की अनुमति दे दी।
नगर निगम के इस कदम से नगर विकास को लेकर फंड की उपलब्धता में बड़ा इजाफा होगा, और इससे शहर में बुनियादी सुविधाएं बेहतर करने की दिशा में गति मिलने की उम्मीद है।
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