2016 की हिंसा में SP सिटी और SO शहीद, 29 की गई थी जान
मथुरा के चर्चित जवाहर बाग हिंसा मामले की सुनवाई आज (बृहस्पतिवार) को गाजियाबाद स्थित CBI अदालत में होनी है। इससे पहले कई आरोपी कोर्ट में पेश हो चुके हैं। न्यायालय ने अगली सुनवाई की तारीख 14 मई तय की है।
क्या है जवाहर बाग कांड?
2 जून 2016 को अखिलेश यादव सरकार के दौरान मथुरा के जवाहर बाग में भारी हिंसा भड़क उठी थी। उस समय के SSP डॉ. राकेश सिंह के नेतृत्व में पुलिस ने जवाहर बाग से अवैध कब्जा हटाने की कार्रवाई शुरू की थी। इस दौरान खुद को ‘स्वाधीन भारत सुभाष सेना’ बताने वाले अतिक्रमणकारियों ने पुलिस पर हमला बोल दिया।
झड़प में SP सिटी मुकुल द्विवेदी और SO संतोष यादव शहीद हो गए थे, जबकि कुल 29 लोगों की जान गई थी। उपद्रवियों ने फायरिंग, आगजनी और बमबारी तक की थी। इस घटना ने पूरे प्रदेश में सनसनी फैला दी थी।
CBI जांच और कोर्ट में केस
इस गंभीर मामले की जांच CBI को सौंपी गई थी। जांच के बाद CBI ने लगभग 800 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की, जिसमें रामवृक्ष यादव, चंदन बोस सहित 90 लोगों को आरोपी बनाया गया। मामला अब गाजियाबाद की CBI कोर्ट में चल रहा है, जहां आज की सुनवाई पर सबकी नजरें टिकी हैं।
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