ऐपल अटैक: पाकिस्तान का समर्थन करने पर तुर्किए के खिलाफ व्यापारियों ने खोला मोर्चा, 1400 करोड़ के व्यापार पर लगाया ब्रेक
साहिबाबाद (गाज़ियाबाद)। पाकिस्तान को समर्थन देने के विरोध में साहिबाबाद की नवीन फल एवं सब्जी मंडी के व्यापारियों ने तुर्किए से आने वाले सेब और अन्य उत्पादों के बहिष्कार का ऐलान कर दिया है। व्यापारियों का कहना है कि तुर्किए के सेब का भारत में करीब 1200 से 1400 करोड़ रुपये का कारोबार होता है, लेकिन अब वे इस व्यापार को पूरी तरह समाप्त करना चाहते हैं। उनका कहना है कि जो देश आतंकवाद और पाकिस्तान का समर्थन करता है, उससे किसी भी तरह का व्यापार करना राष्ट्रविरोधी है।
"आतंक के समर्थक से व्यापार नहीं": हाजी शादाब
एमकेसी फ्रूट कंपनी के संचालक हाजी शादाब ने बताया कि उनकी दुकानें साहिबाबाद और आजादपुर मंडियों में हैं। वे पहले तुर्किए से सेब मंगवाते थे, जो मुंबई के बंदरगाहों से आते थे। उन्होंने कहा कि तुर्किए द्वारा पाकिस्तान के समर्थन की स्थिति में अब उनका उस देश से किसी भी प्रकार का व्यापार करना स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि यह सिर्फ व्यापार नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और नैतिक मूल्यों का सवाल है।
अन्य व्यापारियों का समर्थन
व्यापारी वसीम अकरम, मोहम्मद आरिफ और नूर मोहम्मद ने भी हाजी शादाब के रुख का समर्थन करते हुए कहा कि देश की भावनाओं और सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उनका कहना है कि हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से सेब की पर्याप्त आपूर्ति की जा सकती है। उन्होंने सरकार से मांग की कि तुर्किए से आने वाले सभी उत्पादों पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाए और देश के किसानों को फल उत्पादन के लिए विशेष सब्सिडी प्रदान की जाए।
साहिबाबाद मंडी में हर दिन आता है तुर्किए का सेब
हाजी शादाब के अनुसार साहिबाबाद मंडी में प्रतिदिन तुर्किए के लगभग 1000 पेटी सेब आते हैं। थोक में इनकी कीमत 50 से 60 रुपये प्रति किलो होती है, जबकि फुटकर में यही सेब 200 रुपये प्रति किलो तक बिकता है। उन्होंने बताया कि यह सेब आजादपुर मंडी और मुंबई की मंडियों के माध्यम से साहिबाबाद पहुंचते हैं।
व्यापारियों का स्पष्ट संदेश
व्यापारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि अब वे तुर्किए से किसी भी प्रकार का व्यापार नहीं करेंगे। यह निर्णय केवल आर्थिक नहीं, बल्कि राष्ट्रहित में लिया गया कदम है। उनका कहना है कि अगर देशहित सर्वोपरि है, तो ऐसे देशों से दूरी बनाना अनिवार्य है जो भारत के विरोधियों का साथ देते हैं।
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