गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट के देहात जोन में शामिल 11 थानों को 895 बीट क्षेत्रों में विभाजित किया गया है। इन क्षेत्रों की निगरानी के लिए 352 बीट दारोगा और 638 बीट पुलिस अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। अधिकारियों को सप्ताह में कम से कम तीन बार अपने-अपने बीट क्षेत्रों का दौरा कर निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं।
इस व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए गुरुवार को हापुड़ रोड स्थित एक स्कूल के सभागार में बैठक आयोजित की गई। बैठक में पुलिस कमिश्नर जे. रविंद्र गौड़ ने सभी अधिकारियों और कर्मियों को जनता केंद्रित पुलिसिंग और बीट प्रणाली की महत्ता के बारे में बताया और दिशा-निर्देश जारी किए।
कमिश्नर ने निर्देश दिया कि सभी पुलिसकर्मी अपने क्षेत्र में जुआ, सट्टा, नशीले पदार्थों और शराब की तस्करी जैसे अवैध गतिविधियों पर सख्त निगरानी रखें। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि किसी भी हालत में ऐसे अवैध कार्य बीट क्षेत्रों में नहीं होने चाहिए।
इसके साथ ही अपराधी प्रवृत्ति के लोगों पर नजर बनाए रखने, क्षेत्र के सम्मानित नागरिकों के साथ संवाद और तालमेल बनाए रखने तथा बीट स्तर पर व्हाट्सऐप समूह बनाकर उन्हें जोड़े रखने का भी सुझाव दिया गया, ताकि समय रहते हर गतिविधि की जानकारी मिलती रहे।
कमिश्नर ने यह भी स्पष्ट किया कि बीट बुक की नियमित जांच जरूरी है और किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कानून व्यवस्था को बनाए रखना प्राथमिकता है।
बैठक में एडिशनल कमिश्नर आलोक प्रियदर्शी, डीसीपी ग्रामीण सुरेंद्रनाथ तिवारी, एसीपी मोदीनगर ज्ञान प्रकाश राय, एसीपी मसूरी लिपि नगायच समेत सभी थानों के एसएचओ, चौकी प्रभारी, दारोगा और सिपाही उपस्थित रहे।
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