गाजियाबाद के कौशांबी इलाके में शनिवार को एक महिला के नहर में कूदने की सूचना पर उसे बचाने पहुंचे ट्रैफिक पुलिस के कांस्टेबल अंकित तोमर ने अपनी जान गंवा दी। महिला को बचाने के प्रयास में नहर में कूदे अंकित गहरे पानी में फंस गए और उनकी मौत हो गई।
शनिवार शाम पुलिस लाइन स्थित शहीद स्मारक पर कांस्टेबल अंकित को अंतिम श्रद्धांजलि दी गई। पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गोड, एडिशनल पुलिस कमिश्नर आलोक प्रियदर्शी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने पार्थिव शरीर को कंधा देकर पुष्पांजलि अर्पित की।
परिवार का इकलौता सहारा थे अंकित
अलीगढ़ के बरोला जाफराबाद गांव निवासी 33 वर्षीय अंकित तोमर वर्ष 2015 में यूपी पुलिस में भर्ती हुए थे। मां का पहले ही निधन हो चुका था। वह अपने परिवार के इकलौते पुत्र थे। चार साल पहले उनकी शादी शशि से हुई थी और दोनों गाजियाबाद के ट्रोनिका सिटी में रहते थे। अंकित की कोई संतान नहीं थी। उनकी शहादत की खबर से पूरा परिवार गहरे सदमे में है। पत्नी और पिता का रो-रोकर बुरा हाल है।
जानते थे तैराकी, फिर भी नहीं बच सके
हिंडन नदी से निकलने वाली नहर में वैशाली निवासी महिला आरती, पारिवारिक विवाद के चलते आत्महत्या के इरादे से कूद गई थी। उसे बचाने के लिए कांस्टेबल अंकित तोमर और एक ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर भी नहर में कूदे। हालांकि नहर में नालों का गंदा और गहरा पानी था, जिससे अंकित फंस गए। करीब दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें बाहर निकाला गया, लेकिन दिल्ली के मैक्स अस्पताल में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
बहादुरी की मिसाल
पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गोड ने कहा कि कांस्टेबल अंकित ने कर्तव्यनिष्ठा और बहादुरी का परिचय देते हुए महिला की जान बचाने की कोशिश की। इस दौरान वे खुद अपनी जान गंवा बैठे। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग इस अपूरणीय क्षति से दुखी है और पीड़ित परिवार को हरसंभव सहायता दी जाएगी।
यह घटना पूरे पुलिस विभाग और समाज के लिए एक भावुक कर देने वाला क्षण बन गई, जहां एक सच्चे सिपाही ने दूसरों की जान बचाने के लिए अपना जीवन कुर्बान कर दिया।
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