गाजियाबाद में 10 जगहों पर मॉक ड्रिल: सायरन बजते ही अलर्ट, हवाई हमलों से बचने के तरीके सिखाए गए
गाजियाबाद में मंगलवार को विभिन्न स्कूलों और रिहायशी इलाकों में एक वृहद मॉक ड्रिल आयोजित की गई। यह अभ्यास गृह मंत्रालय, भारत सरकार के अग्निशमन सेवा, नागरिक सुरक्षा एवं गृह रक्षक महानिदेशालय के निर्देश पर पूरे देश में किया गया। इसका उद्देश्य आम नागरिकों को हवाई हमले जैसी आपात स्थितियों से निपटने के लिए प्रशिक्षित और जागरूक करना था।
सभी विभागों को मिली जिम्मेदारी
गाजियाबाद के जिलाधिकारी दीपक मीणा ने संबंधित विभागों को इस मॉक ड्रिल में सक्रिय भागीदारी के निर्देश दिए थे। ड्रिल के दौरान अस्पतालों, एम्बुलेंस, डॉक्टरों और नागरिक सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया। नागरिकों को बताया गया कि कैसे हवाई हमलों के दौरान अफवाहों से बचें और सुरक्षित रहें।
ड्रिल के लिए चुने गए 10 स्कूल
सुबह 10 बजे से गाजियाबाद के 10 प्रमुख स्कूलों में मॉक ड्रिल का आयोजन हुआ। इसमें छात्रों, एनसीसी कैडेट्स, वार्डनों और स्वयंसेवकों ने भाग लिया। अभ्यास के दौरान उन्हें सुरक्षित निकासी, प्राथमिक उपचार और सामूहिक सहयोग जैसे जरूरी कौशल सिखाए गए।
ड्रिल में शामिल स्कूल:
- नगर पालिका इंटर कॉलेज, नवयुग मार्केट
- शंभू दयाल इंटर कॉलेज, जीटी रोड
- गुरु नानक इंटर कॉलेज, लोहिया नगर
- सेठ मुकुंदलाल इंटर कॉलेज, अंबेडकर रोड
- राजकीय कन्या इंटर कॉलेज, विजय नगर
- जेकेजी इंटर कॉलेज, विजय नगर
- स्वामी विवेकानंद सरस्वती विद्या मंदिर, राजेंद्र नगर
- खेतान पब्लिक स्कूल, सेक्टर-5, राजेंद्र नगर, साहिबाबाद
- नगर पालिका इंटर कॉलेज, स्टेशन रोड, साहिबाबाद
- पद्मश्री एन.एन. मोहन पब्लिक स्कूल, वसुंधरा
सोसायटीज में भी जागरूकता कार्यक्रम
रिहायशी क्षेत्रों में भी शाम को विशेष सत्र आयोजित किए गए। एमबी गर्ल्स इंटर कॉलेज, नवयुग मार्केट में सुबह 10 बजे और लेंडक्राफ्ट सोसायटी, गाजियाबाद में रात 8 बजे ब्लैकआउट अभ्यास किया गया। अन्य स्थानों में सेवियर पार्क (मोहन नगर), वीवीआईपी सोसायटी (राजनगर एक्सटेंशन), और एपेक्स द फ्लोर्स (सेक्टर 18, वसुंधरा) में भी ब्लैकआउट ड्रिल हुई।
सायरन की कोड भाषा
सायरन केवल चेतावनी नहीं, बल्कि एक कोड होता है:
- पहला सायरन: खतरे की आहट, सतर्क हो जाएं
- दूसरा सायरन: सुरक्षित स्थान पर तुरंत पहुंचें
- तीसरा सायरन: खतरा टल गया, सतर्क रहें
यह प्रणाली लोगों को घबराने के बजाय उचित कार्रवाई करने के लिए प्रशिक्षित करती है।
मॉक ड्रिल के मुख्य उद्देश्य
- हवाई हमले की चेतावनी प्रणाली की प्रभावशीलता का परीक्षण
- भारतीय वायुसेना के साथ संचार लिंक की जांच
- नागरिकों को आपदा प्रबंधन और सुरक्षा की ट्रेनिंग
- ब्लैकआउट और छद्मावरण उपायों का अभ्यास
- वार्डन, अग्निशमन और बचाव सेवाओं की तैयारी का मूल्यांकन
इस अभ्यास का मकसद है कि किसी भी आपात स्थिति में नागरिक घबराएं नहीं, बल्कि सोच-समझकर और संगठित ढंग से प्रतिक्रिया दें।
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