गाजियाबाद में ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए पुलिस कमिश्नर जे. रविंद्र गौड़ ने कई अहम निर्देश जारी किए हैं। अब ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर चालान काटने का अधिकार केवल ट्रैफिक इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर के पास होगा। कांस्टेबल अब चालान नहीं काटेंगे, बल्कि उनकी जिम्मेदारी केवल ट्रैफिक को नियंत्रित और सुव्यवस्थित बनाए रखने की होगी।
अतिक्रमण पर सख्त कार्रवाई
चौराहों और मुख्य सड़कों पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ अब सख्त कदम उठाए जाएंगे। पुलिस भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 152 के तहत इन पर मुकदमा दर्ज करेगी और संबंधित रिपोर्ट, फोटो सहित, कोर्ट में पेश की जाएगी। यह रिपोर्ट ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर के माध्यम से संबंधित एसीपी को भेजी जाएगी।
चालान की संख्या और सख्ती
हर महीने ट्रैफिक पुलिस औसतन 1.5 लाख चालान काटती है। अब यह कार्य सिर्फ वरिष्ठ अधिकारियों के जिम्मे होगा, जिससे कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।
आयोजन के लिए पूर्व सूचना अनिवार्य
होटलों, बैंक्वेट हॉल और फार्म हाउस में आयोजित होने वाले समारोहों की पूर्व जानकारी ट्रैफिक पुलिस को देना अब जरूरी कर दिया गया है। इससे ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाया जा सकेगा। आयोजन स्थल के संचालकों को यह सूचना ईमेल के जरिए एडीसीपी ट्रैफिक को भेजनी होगी। इसके लिए एक आधिकारिक ईमेल – traffic.gz@up.gov.in – जारी किया गया है। जल्द ही इन संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर नियमों की जानकारी भी साझा की जाएगी।
बैठक में लिए गए निर्णय
रविवार रात पुलिस लाइन में हुई बैठक के दौरान पुलिस कमिश्नर ने ट्रैफिक विभाग के अधिकारियों को इन बदलावों को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने साफ कहा कि अब कांस्टेबल चालान नहीं काटेंगे, बल्कि उनका मुख्य काम ट्रैफिक संचालन में सहयोग करना होगा।
नए नियमों का उद्देश्य
इन बदलावों का मकसद है शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को और अधिक सुचारू बनाना, अतिक्रमण को रोकना और ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर अधिक प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करना।
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