🔹 स्कूल में भूकंप सिमुलेशन, छात्रों को सिखाई गई 'ड्रॉप, कवर एंड होल्ड' तकनीक
गाजियाबाद में शुक्रवार को आपदा प्रबंधन के तहत जिले के पांच अलग-अलग स्थानों पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य था—प्राकृतिक आपदा की स्थिति में प्रशासनिक तैयारियों की जांच और आमजन को जागरूक करना।
इन्हीं में से एक ड्रिल इन्ग्राहम स्कूल में हुई, जहां भूकंप की स्थिति का सिमुलेशन किया गया। हूटर बजते ही स्कूल में आपातकालीन स्थिति का माहौल बनाया गया। छात्रों, शिक्षकों और स्टाफ को निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार अलर्ट किया गया।
छात्रों को 'ड्रॉप, कवर एंड होल्ड' तकनीक का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया—कैसे भूकंप के दौरान खुद को सुरक्षित रखना है, कहां छिपना है और कैसे शांत रहना है। सभी को क्रमबद्ध तरीके से सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। इस दौरान फायर अलार्म, आपात सीढ़ियों और खुले स्थानों की ओर निकासी की प्रक्रिया का भी अभ्यास किया गया।
ड्रिल के दूसरे चरण में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें हरकत में आईं। मलबे में फंसे लोगों को खोजने, निकालने और प्राथमिक उपचार देने की प्रक्रिया दिखाई गई। घायलों को स्ट्रेचर पर लिटाकर सुरक्षित रूप से एम्बुलेंस के जरिए अस्पताल पहुंचाने का अभ्यास भी किया गया।
इस व्यापक अभियान में पुलिस, अग्निशमन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम, एनसीसी, स्काउट्स-गाइड्स और जिला प्रशासन की टीमें भी सक्रिय रहीं। वरिष्ठ अधिकारी现场 पर मौजूद रहे और पूरी कार्यवाही का निरीक्षण किया।
अधिकारियों ने कहा—"ऐसी मॉक ड्रिल सिर्फ औपचारिकता नहीं, बल्कि जीवन रक्षक अभ्यास हैं। आपदा कब आएगी, कोई नहीं जानता। लेकिन तैयारी हर स्तर पर होनी चाहिए। खासकर स्कूलों में ऐसी ड्रिल्स बच्चों और स्टाफ दोनों को मानसिक रूप से तैयार करती हैं, ताकि असली संकट के समय कोई घबराए नहीं, बल्कि समझदारी से काम ले।”
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें