5 साल में अपराध करने वाले 3500 अपराधियों की होगी जांच
समाचार प्रभारी सौरव दीक्षित। गाजियाबाद पुलिस अब पुराने अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए सक्रिय हो गई है। पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गोड के आदेश पर एक विशेष सत्यापन अभियान शुरू किया गया है, जिसमें पिछले 5 वर्षों में अपराध कर चुके बदमाशों की पहचान कर उनके घर-घर जाकर जानकारी जुटाई जाएगी। इस अभियान की निगरानी अतिरिक्त पुलिस आयुक्त आलोक प्रियदर्शी कर रहे हैं।
3500 अपराधियों की सूची तैयार, थानेवार सत्यापन अभियान शुरू
अब तक जिले भर में 3500 ऐसे अपराधियों की सूची तैयार की गई है जिन्होंने हत्या, लूट, डकैती, जानलेवा हमला, वाहन चोरी, रंगदारी, गौकशी जैसे गंभीर अपराध किए हैं। शहर, ग्रामीण और ट्रांस हिंडन जोन के थानों में इनकी फाइलें तैयार की जा रही हैं। यह सत्यापन थाने के बीट कांस्टेबल से लेकर थाना प्रभारी तक की जिम्मेदारी में किया जाएगा।
जेल से रिहा अपराधियों पर भी नजर
पुलिस उन अपराधियों पर भी नजर रखेगी जो जमानत पर जेल से बाहर आए हैं। उनका पूरा डोजियर दोबारा तैयार किया जाएगा—जिसमें यह जानकारी होगी कि वे अब कहां रह रहे हैं, किससे संपर्क में हैं और क्या कर रहे हैं। साथ ही जिन लोगों ने उनकी जमानत ली है, उनसे भी पूछताछ की जाएगी।
बीट सिस्टम को बनाया जाएगा मजबूत
पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गोड ने बीट सिस्टम को और मजबूत करने के निर्देश दिए हैं। हर बीट पर तैनात सिपाही को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसे अपने इलाके में रहने वाले संभावित अपराधियों की पूरी जानकारी हो। अपराध की किसी भी सूचना को तुरंत उच्च अधिकारियों तक पहुंचाना उसकी ज़िम्मेदारी होगी।
अधिकारियों को दिए गए सख्त निर्देश
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त आलोक प्रियदर्शी ने सभी DCP, एडिशनल DCP और ACP को निर्देश दिए हैं कि इस अभियान में किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो। उन्होंने स्वयं थानों का निरीक्षण कर अपराधियों के रजिस्टर की जांच शुरू कर दी है।
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