आधे घंटे तक लोगों की सांसें अटकी रहीं
गाजियाबाद में बुधवार रात आई तेज आंधी और बारिश ने जमकर कहर बरपाया। शहर के कई इलाकों में पेड़ और होर्डिंग्स गिरने से यातायात बाधित हुआ और लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। सबसे ज्यादा दहशत उस समय हुई जब आधे घंटे तक तेज आंधी की आवाज कानों में गूंजती रही, जिससे लोगों की सांसें थम सी गईं।
हिंडन बैराज पर फंसे लोगों का भयावह अनुभव
हिंडन बैराज पर मौजूद लोगों ने बताया कि अचानक चली धूल भरी तेज आंधी के बाद बारिश और ओलावृष्टि शुरू हो गई। चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई। कई लोगों ने मेट्रो स्टेशन और एलिवेटेड रोड के पिलरों के नीचे जाकर खुद को किसी तरह सुरक्षित किया। बाइक और स्कूटी सवार सड़कों पर ही सुरक्षित स्थान की तलाश करते नजर आए।
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65 वर्षीय सुरेश, जो दिल्ली जा रहे थे, ने बताया, "इतनी तेज आंधी मैंने जीवन में पहली बार देखी। तेज आवाजों ने डरा दिया, तुरंत घर फोन कर बताया कि मैं सुरक्षित हूं।" मेरठ जा रहे सुरेंद्र अग्रवाल ने कहा, "ऐसा लगा जैसे कुछ बहुत बड़ा होने वाला हो। बिजली के खंभे गिरे, तार टूटे और पेड़ धराशायी हो गए।"
बिजली आपूर्ति ठप, जगह-जगह जाम
तेज आंधी के चलते ट्रांस हिंडन क्षेत्र के कई इलाकों – साहिबाबाद, वैशाली, वसुंधरा, इंदिरापुरम, कौशांबी समेत – में बिजली गुल हो गई। पेड़ और यूनीपोल गिरने से राजेंद्र नगर, शालीमार गार्डन, ब्रिज विहार, खोड़ा आदि क्षेत्रों में भी यातायात बाधित हुआ। वैशाली के नील पदम कुंज में एक यूनीपोल गिरने से पांच गाड़ियों को नुकसान हुआ, जबकि इंदिरापुरम में रेल विहार सोसाइटी के सामने भी बोर्ड गिरा।
रेल यातायात भी प्रभावित
साहिबाबाद रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म नंबर तीन पर उस समय अफरा-तफरी मच गई जब गाजियाबाद से दिल्ली जा रही एक ईएमयू ट्रेन के आगे पेड़ गिर गया। करीब दो घंटे तक ट्रेन वहीं खड़ी रही, हालांकि बाकी ट्रेनों के संचालन पर असर नहीं पड़ा। बाद में पेड़ हटाकर ट्रेन को रवाना किया गया।
अंत में
तेज आंधी और बारिश ने गाजियाबादवासियों को एक डरावना अनुभव दिया, जहां जान बचाने के लिए लोग जहां-तहां भागते नजर आए। शहर भर में नुकसान और असुविधा के बावजूद, बड़ी दुर्घटनाएं टल गईं, जो राहत की बात रही।
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