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शुक्रवार, 22 जनवरी 2021

गाजियाबाद कोर्ट के एक अभिवक्ता ने किया एक निर्दोष पर फर्जी मुकदमा

प्रमोद निमेष


 जीवन में अच्छे बुरे अनुभवों से गुज़रना पड़ता है। कई लोगों के साथ ऐसा भी हुआ है कि उनके करीबी रिश्तेदारों या दोस्त, पड़ोसी ने झूठे आपराधिक प्रकरण में फंसा दिया हो। यदि आपके खिलाफ कोई पुलिस रिपोर्ट हुई है तो आपको उसका सामना करना ही होगा। सवाल यह है कि आप इस मुश्किल समय में हिम्मत से काम लेते हैं या बिना लड़े ही हार मान लेते हैं? ऐसे में पूरे परिवार पर ही संकट आ जाता है, लेकिन केवल घबराने से कुछ नहीं होगा, बल्कि आपको धैर्य रखना होगा और और विरोधियों की हर चाल का कानूनी रूप से जवाब देना होगा।

ऐसा ही एक मामला सामने आया है वसुंधरा के सेक्टर 10 के निवासी हरीश पाल का। दिनांक 5 जनवरी 2020 को हरीश पाल ने प्रमोद निमेष जो कि पेशे से वकील है गाजियाबाद कोर्ट में। हरीश पाल का यह कहना है के प्रमोद निमेष ने उनसे ₹200000 उधार लिए थे जिसका उन पर सब लिखित में है जैसे कि प्रमोद निमेष का दिया हुआ चेक अथवा लिखित में एक लेटर है जिसमें लिखा है कि मैं प्रमोद हरीश से ₹200000 ले रहा हूं और साइन भी हैं।

प्रमोद निमेष के विरुद्ध कंप्लेंट




दिनांक 5 जनवरी को जब हरीश पाल ने अपने पैसे मांगे और उसे ऑफिस पर बुलाया तो वह अपनी सेंट्रो गाड़ी जिसका नंबर DL13C7116 है को हरीश के ऑफिस पर ही छोड़ कर चला गया। और इंदिरापुरम थाने में जाकर एक  रिपोर्ट में एससी एसटी एक्ट लिखवाई व लूट का मुकदमा दर्ज कराने की मांग की। जैसे कि आपको बताया कि प्रमोद पेशे से वकील है तो इंदिरापुरम पुलिस छानबीन में लग गई और हरीश पाल व उनके साथ तीन अन्य व्यक्ति और मौजूद थे जिन्हें कॉल करके चौकी बुलाया हरीश पाल व अन्य व्यक्ति खुद ही चौकी आए। कमाल की बात यह है कि अपराध करने वाला खुद ही पुलिस स्टेशन पहुंच जाता है। हरीश से जब पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि मैंने ₹200000 इन्हें दिए थे जरूरत के टाइम पर मैंने पैसे वापस मांगे तो यह अपनी गाड़ी वहीं छोड़ कर चला गया और फर्जी रिपोर्ट थाने में दे दी। पुलिस ने जब छानबीन शुरू की तो पता लगा कि दो अन्य व्यक्तियों से और भी इसमें पैसा लिया हुआ था और पैसा मांगने पर उन्हें फर्जी केस में फंसाने की धमकी देता था जिसकी तहरीर  इंदिरापुरम थाने में दे दी गई है। थाना प्रभारी संजीव शर्मा ने जब मामले की जांच की तो हरीश निर्दोष पाया गया और उन्हें छोड़ दिया गया। अब प्रमोद की छानबीन चालू है वह उसकी गाड़ी सैंटरो थाने में ही खड़ी है। 5 तारीख से वह अपनी गाड़ी लेने नहीं आ पाया।




ऊपर दी गई इमेजेस वह प्रूफ से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि प्रमोद निमेष झूठ बोल रहा है ₹200000 ना देने पड़े इसलिए वह फर्जी मुकदमा करना चाहता है। आप के विरुद्ध किया गया मुकदमा फर्जी है, यह केवल आप और आपके सगे संबंधी मित्र जानते हैं। पुलिस की कार्रवाई तो रिपोर्ट, गवाह और सबूतों के आधार पर ही होती है। अगर आपके खिलाफ रिपोर्ट, गवाह, सबूत भी गढ़ लिए गए हैं तो भी घबराने की जरूरत नहीं। याद रखिए अगर आप पर किसी ने आरोप लगाए हैं तो उन्हें साबित करने का भार भी उसी व्यक्ति पर है, इसलिए डरने की ज़रूरत नहीं, बल्कि धैर्य से काम लेना होगा.जैसे कि हरीश पाल ने लिया.
इस फर्जी मुकदमे को डालने के ऊपर बार एसोसिएशन में भी हरीश पाल की तरफ से शिकायत की गई है जिसका निर्णय जल्द ही लिया जाएगा।


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